1. प्रस्तावना
आज जब हम अरबपतियों की बात करते हैं, तो जेफ बेजोस, एलन मस्क और बिल गेट्स का नाम सामने आता है। लेकिन इतिहास में एक ऐसा राजा हुआ है, जिसकी दौलत का कोई मुकाबला आज तक नहीं कर सका। उसका नाम था मंसा मूसा — माली साम्राज्य का शासक।
इतिहासकारों और आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, अगर मंसा मूसा की दौलत को आज के पैमानों पर आंका जाए, तो वह 400 अरब डॉलर से ज्यादा होती — यानी एलन मस्क और जेफ बेजोस दोनों की संपत्ति को मिलाकर भी कम होती।

2. मंसा मूसा कौन थे?
मंसा मूसा का जन्म 1280 के आसपास हुआ था। वो पश्चिमी अफ्रीका के माली साम्राज्य के 10वें शासक थे। “मंसा” शब्द माली भाषा में “राजा” या “सम्राट” के लिए इस्तेमाल होता है।
उनका पूरा नाम था मूसा कीता I। वह 1312 ई. में अपने भाई अबू बक्र II के बाद गद्दी पर बैठे। अबू बक्र समुद्र के रास्ते अटलांटिक महासागर की यात्रा पर निकले थे और फिर कभी लौटे नहीं।
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3. माली साम्राज्य और उसकी समृद्धि
मंसा मूसा के समय माली साम्राज्य अफ्रीका का सबसे बड़ा और समृद्ध साम्राज्य था। इसमें आज के माली, सेनेगल, नाइजर, गिनी, बुर्किना फासो और आइवरी कोस्ट जैसे देश शामिल थे।
यह साम्राज्य सोना, नमक, हाथी दांत और कृषि के लिए प्रसिद्ध था। माली में टिम्बकटू, गाओ और जिने जैसे महत्वपूर्ण शहर थे, जो व्यापार, शिक्षा और संस्कृति के बड़े केंद्र थे।

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4. मंसा मूसा की हज यात्रा (1324)
मंसा मूसा को इस्लाम से गहरा प्रेम था। उन्होंने 1324 में मक्का की हज यात्रा की। ये यात्रा इतिहास की सबसे भव्य धार्मिक यात्राओं में मानी जाती है।
उन्होंने अपने साथ 60,000 लोगों की सेना और सेवकों को शामिल किया।
उनके काफिले में 100 ऊँट थे, जिनमें हर ऊँट पर 135 किलो से ज्यादा सोना लदा था।
उन्होंने मिस्र, काहिरा और मक्का में जमकर सोना दान किया और गरीबों की मदद की।
असर: उन्होंने इतना सोना खर्च किया कि मिस्र और मध्य पूर्व में सोने की कीमतें गिर गईं और वहां की अर्थव्यवस्था अस्थायी रूप से अस्थिर हो गई।
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5. इस्लाम और शिक्षा का प्रचार
मंसा मूसा ने अपने साम्राज्य में मस्जिदों, मदरसों और विश्वविद्यालयों का निर्माण करवाया।
सबसे प्रसिद्ध है:
संकॉरे यूनिवर्सिटी, टिम्बकटू
इसे उन्होंने मिस्र और अरब के विद्वानों को बुलाकर बनवाया।
यह विश्वविद्यालय उस समय का ज्ञान और शोध का विश्व स्तर पर केंद्र बन गया।
उन्होंने कुरआन की शिक्षाओं को फैलाया और इस्लामी कानून (शरीअत) के अनुसार शासन चलाया।
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6. उनके शासन की विशेषताएँ
धार्मिक सहिष्णुता: इस्लाम को प्राथमिकता देने के बावजूद उन्होंने अन्य धर्मों को भी सम्मान दिया।
व्यापार का विस्तार: माली व्यापार का केंद्र बन गया। टिम्बकटू और गाओ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के हब बन गए।
सामाजिक न्याय: उन्होंने गरीबों के अधिकारों की रक्षा की और भुखमरी मिटाने के लिए योजनाएं चलाईं।
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7. मंसा मूसा की मृत्यु और विरासत
मंसा मूसा की मृत्यु 1337 ई. में हुई।
उनके बाद उनका पुत्र मघन प्रथम राजा बना, लेकिन वह पिता जैसा कुशल शासक साबित नहीं हुआ और धीरे-धीरे माली साम्राज्य कमजोर होने लगा।
लेकिन मंसा मूसा की विरासत आज भी जिंदा है:
उन्हें दुनिया का सबसे अमीर इंसान कहा जाता है।
वे इस्लाम, शिक्षा और व्यापार के मजबूत स्तंभ थे।
उनकी बनवाई गई मस्जिदें और पुस्तकालय आज भी पश्चिमी अफ्रीका की शान हैं।
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8. मंसा मूसा और आज की दुनिया
आज की दुनिया में मंसा मूसा को जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि:
उन्होंने दौलत को केवल निजी सुख के लिए नहीं, समाज और धर्म के उत्थान के लिए इस्तेमाल किया।
उन्होंने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि सच्चा नेता वही होता है जो समाज को ऊपर उठाए।
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निष्कर्ष
मंसा मूसा सिर्फ एक सम्राट नहीं थे, बल्कि वे एक विचारधारा थे।
उन्होंने साबित किया कि धर्म, शिक्षा और समाजसेवा किसी भी शासक की असली पहचान होती है — दौलत और शक्ति के साथ जिम्मेदारी जरूरी है।
सैफुल्लाह कमर शिबली